भारतीय गांवों में जमींदारी व्यवस्था और उन के प्यादे किस तरह
ग्रामीणों का दमन करते हैं. षड्यंत्रों और कुचक्रों के बीच पिसता
जनसाधारण कैसे जीता है? ऐसी ही घटनाओं का तानाबाना है
'तितली' .
खूबसूरत किंतु सीधीसादी ग्राभीण बाला तितली अपने बाबा के बताए
आदर्शों पर आजीवन चलती रही. उस का पति मधुआ भी इन्हीं
आदर्शों के चलते उस से बिछुड गया. जीवन संग्राम से जूझती तितली
क्या अंत में उसे पा सकी? जमींदार इंद्रदेव और शैला प्रेम व आदर्शों
के बीच पिसते रहे, पर क्या अंत मैं वे एक हो सके?
भारतीय संस्कृति एवं आदर्शों व तत्कालीन व्यवस्था पर कडी नजर
डालता हुआ यह चर्चित उपन्यास आप को नए ढंग से सोचने का
अवसर देगा .
Author's Name | Jai Shankar 'Prasad' |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 168 |
Product Code: | 822 |
ISBN: | 9788179872871 |
Availability: | In Stock |
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