प्रेमचंद की विशिष्ट कहानियों का संग्रहµ‘मृतक भोज’, जो भारतीय समाज में व्याप्त मृत्यु के उपरांत प्रचलित मृतक भोजों की परंपरा पर एक कुठाराघात है। परलोक सुधार के नाम पर होने वाले आडंबरों, पति की मृत्यु के बाद दया धर्म के ठेकेदारों के जाल में छटपटाती असहाय विधवा और मासूम, अनाथ बच्चों की त्रसदी की कथा है, क्या वे इन धर्म के ठेकेदारों से लड़ पाए?
ऐसी ही अनेक रूढ़ियों और अंधविश्वासों को उजागर करता उत्कृष्ट कहानी संग्रह जिसे आप अवश्य पढ़ना चाहेंगे।
प्रस्तुत संग्रह में मृतक भोज के अतिरिक्त मनुष्य का परम धर्म, सौभाग्य के कोड़े, बाबाजी का भोग, एक आंच की कसर, मंदिर, निमंत्रण, पूर्व संस्कार, प्रारब्ध, न्याय, दूध का दाम, नेउर, तेंतर, दंड, बासी भात में खुदा का साझा, रामलीला व पिसनहारी का कुआं कहानियां शामिल हैं।
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 164 |
Product Code: | 721 |
ISBN: | 9788179871867 |
Availability: | In Stock |
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Mritak Bhoj
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 721
- ISBN: 9788179871867
- Availability: In Stock
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