'मृच्छकटिकम' पहली सदी में रचित संस्कृत नाटक उस समय की शिथिल व भष्ट राजसत्ता, उन्मुक्त वैवाहिक संस्कृति, निरंकुश सुरक्षा व्यवस्था को बड़े रोचक तथा यथार्थ रूप में प्रस्तुत करता है. इस नाटक में उस काल की सभ्यता व संस्कृति की सजीव झलक मिलती है. इस का सरल भाषा में अनुवाद हर वर्ग के पाठक के लिए रुचिकर होगा.
Author's Name | Tr. Lalit Sehgal Ugrasen Narang |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 148 |
Product Code: | 1920 |
ISBN: | 9789350653968 |
Availability: | In Stock |
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Mrichhakatikam
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 1920
- ISBN: 9789350653968
- Availability: In Stock
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