सरल हृदय अचला ने महिम के उदात्त विचारों से प्रभावित हो कर उस से शादी तो कर ली, किन्तु क्या वह पति के साथ एक दिन भी सुख से रह सकी? अचला में ऐसा क्या आकर्षण था की महिम का मित्र सुरेश उसे देख कर उस पर इस कदर मर मिटा कि अचला के जीवन में हलचल मच गई? अचला के जीवन की यह हलचल क्या उस के 'गृहदाह' के बाद भी शांत हो सकी? इस से उस के पति महिम पर क्या बीती? नारी जीवन घुटन और पीड़ा से भरपूर है 'नारी वेदना के पुरोहित' शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का चर्चित उपन्यास 'गृहदाह', जिसे आप पढ़ना ही नहीं, सहेजना भी चाहेंगे।
Author's Name | Sharatchandra Chattopadhyay |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 228 |
Product Code: | 681 |
ISBN: | 9788179871461 |
Availability: | In Stock |
All disputes are subject to Delhi Courts Jurisdiction only. |