• Gramin Samaj Evam Kashinath
गरीबी, पारस्परिक ईर्ष्याद्वेष, दोहरी नीति, छलकपट, दलबंदी, शक्तिसंपन्न लोगों की चौधराहट आदि वे सहज प्रवृत्तियां हैं, जिन से भारतीय गांवों का सामाजिक वातावरण सदियों से प्रभावित रहा है और जिसे भारतीय कथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने प्रस्तुत उपन्यास – ‘ग्रामीण समाज’ में बखूबी रेखांकित किया है। आज गांवों में सड़कें बनवा कर, उन्हें शहरों से जोड़ कर, बिजली, फोन आदि आधुनिक सुखसुविधाएं उपलब्ध करा कर विकास के कितने ही दावे किए जाएं, किंतु इस सचाई से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज भी ग्रामीण समाज उसी मानसिकता का शिकार है, जिस का जीता जागता चित्रण ‘ग्रामीण समाज’ में किया गया है। इसी प्रवृत्ति का परिचायक उन का लघु उपन्यास ‘काशीनाथ’ भी संकलित हैto व्यक्ति और समाज की मर्मस्पर्शी वेदना के कारण शरतचंद्र सभी वर्गों के पाठकों में लोकप्रिय रहे हैं।
Author's Name Sharatchandra Chattopadhyay
Binding Paper Back
Language Hindi
Pages 148
Product Code: 677
ISBN: 9788179871416
Availability: In Stock
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Gramin Samaj Evam Kashinath

Vishv Books Gramin Samaj Evam Kashinath QR Code
  • Brand: Vishv Books
  • Product Code: 677
  • ISBN: 9788179871416
  • Availability: In Stock
  • INR80.00