• Path Ke Daavedaar
नौकरी करने के लिए बंगाली युवा ब्राह्मण अपूर्व बर्मा अब म्यांमार में चला तो गया किन्तु वहां परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि वह क्रांतिकारियों का हमदर्द बन गया. शायद इस के पीछे युवा भारती का आकर्षण भी एक कारण रहा हो. बंगाल के क्रांतिकारी आंदोलन की पृष्ठभूमि पर रचित इस उपन्यासto'पथ के दावेदार' के माध्यम से 'नारी वेदना के पुरोहित' शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने क्रांतिकारी गतिविधियों के साथसाथ तत्कालीन समाज में व्याप्त छुआछूत, जातिपांति, ऊंचनीच आदि सामाजित बुराइयों को रेखांकित किया हैं. बांग्ला भाषा में यह उपन्यास 'पथेर देवी' शीर्षक से पहले 'बंगवाणी' में प्रकाशित हुआ था, बाद में इससे पुस्तकाकार प्रकाशित किया गया जिस की 3000 प्रति हाथोहाथ बिक गई थी. ब्रिटिश सरकार ने इस उपन्यास को जब्त भी किया था.
Author's Name Sharatchandra Chattopadhyay
Binding Paper Back
Language Hindi
Pages 244
Product Code: 708
ISBN: 9788179871737
Availability: In Stock
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  • Brand: Vishv Books
  • Product Code: 708
  • ISBN: 9788179871737
  • Availability: In Stock
  • INR160.00