• Antim Kavita
विदेशी सभ्यता की चकाचौंध हमें कुछ पल के लिए अपने मोहपाश में बांध सकती है, परंतु हमारी मिट्टी और संस्कृति की खुशबू ताउम्र के लिए हमें किसी बा“य सभ्यता का आवरण ओढ़े रहने से रोक देती है। बैरिस्टर अमित राय के साथ भी यही हुआ। अमित के कवि मन में पूरी तरह भारतीयता रचीबसी थी, जो रहरह कर प्रेमपूर्ण शब्दों में उमड़ रही थी। इसी से वह लावण्य को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब तो हुए, पर क्या लावण्य का प्यार पा सके—? अमित और लावण्य के प्रेम में गुंथे शब्दों की यह कविता आखिर कहां से शुरू होती है और कहां खत्म— जानने के लिए पढ़िए, टैगोर का चर्चित उपन्यास ‘अंतिम कविता’।
Author's Name Rabindranath Tagore
Binding Paper Back
Language Hindi
Pages 116
Product Code: 1178
ISBN: 9788179876503
Availability: In Stock
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Antim Kavita

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  • Brand: Vishv Books
  • Product Code: 1178
  • ISBN: 9788179876503
  • Availability: In Stock
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