गिरिबाला का भरपूर सौंदर्य और छलकता यौवन पूर्ण विकसित होने पर भी पति गोपीनाथ को लुभा न सका, क्योंकि गोपीनाथ को थिएटर की मल्लिका लवंग की अदाओं का दीवाना था.
एक दिन गोपीनाथ लवंग को ले कर लापता हो गया. तिरस्कृत यौवना गिरिबाला भी पतिगृह को त्याग कर चली गई.
कलकत्ता के उसी थिएटर में जिस की रानी लवंग थी, आज 'मनोरमा' का जादू दर्शको के सिर चढ़ कर बोल रहा है. नई नायिका के रूपयौवन की चर्चा गोपीनाथ को भी थिएटर खींच ले गए, लेकिन मनोरमा को देखते ही गोपीनाथ विशिप्त सा हो गया. आखिर मनोरम कौन थी?
नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित रविंद्रनाथ टैगोर के कहानी संग्रह 'मान भंजन' में मानव मनोवृतियों का सजीव चित्रण किया गया है. उन की रचनाएँ किसी काल विशेष की न हो कर आज भी पूर्ववत प्रभावोत्पादक है. इसीलिए ये पाठकों के इतनी नजदीक हैं.
Author's Name | Rabindranath Tagore |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 164 |
Product Code: | 713 |
ISBN: | 9788179871782 |
Availability: | In Stock |
All disputes are subject to Delhi Courts Jurisdiction only. |
Maan Bhanjan
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 713
- ISBN: 9788179871782
- Availability: In Stock
-
INR80.00