• Durgeshnandini Aur Kapalkunda
राष्ट्रीय गीत 'वंदेमातरम' के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय भारतीय साहित्य के उन रचनाकारों की पहली पंक्ति में गिने जाते हैं, जिन्होंने अपनी सरस रचनाओं के माध्यम से जनमानस में राष्ट्रीय चेतना जगाने का महत्वपूर्ण कार्य किया हैं. उन के विशिष्ट उपन्यास 'दुर्गेशनंदिनी ' और 'कपालकुंडला' , 'दुर्गेशनंदिनी ' में राजा मानसिंह के पुत्र राजपूत जगतसिंह के असाधारण शौर्य, साहस और संघर्ष के साथ उड़ीसा में नवाब कतलू खां की बेटी आयशा के अपूर्व त्याग एवं सेवा भाव की मधुर कथा हैं, जो जगतसिंह और तिलोक्तमा के प्रेम पर अपनी समस्त प्रेमिल भावनाएं न्यौछावर कर देती हैं, 'कपालकुंडला' में मुगलकालीन एक ऐसी महत्वकांक्षिणी सुंदरी की कथा है, जो पति परित्यक्ता हो कर भी उसे पुनः पाने के लिए भारत की साम्राज्ञी बनने तक का अवसर छोड़ देती है.
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Product Code: 553
ISBN: 9788179870150
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Durgeshnandini Aur Kapalkunda

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  • ISBN: 9788179870150
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