धर्म के नाम पर समाज के ठेकेदार, आम आदमी पर किस तरह हावी होते हैं यह सर्वविदित है? उन्हें अपने चंगुल में फंसाने के लिए इन ठेकेदारों ने क्याक्या प्रपंच नहीं किए? 'चंद्रनाथ' और 'वैकुंठ का दानपात्र' शरतचंद्र के दो ऐसे उपन्यास हैं, जिन के नायक परंपरागत सामाजिक बंधनो और संकीर्ण मानसिकताओं के शिकार हैं, अंततः क्या के रूढ़िवादी सामाजिक बंधनो को तोड़ सके या समाज की बुराइयो से लड़ सके? भारतीय साहित्यकार शरतचंद के दो अनूठे उपन्यासों का एकत्र संग्रह, सभी बर्गो के पाठकों के लिए रोचक, सरल एवं सुबोध हिंदी में पठनीय एवं संग्रहणीय है.
Author's Name | Sharatchandra Chattopadhyay |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 132 |
Product Code: | 643 |
ISBN: | 9788179871072 |
Availability: | In Stock |
All disputes are subject to Delhi Courts Jurisdiction only. |
Chandranath Aur Vaikunth Ka Daan Paatra
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 643
- ISBN: 9788179871072
- Availability: In Stock
-
INR80.00