• Pachhtawa
कथा सम्राट प्रेमचंद विश्व के उन प्रसिद्ध एवं विशिष्ट कथाकारों की श्रेणी में गिने जाते हैं, जिन्होंने समाज के सभी वर्गों to अमीरगरीब, स्त्रीपुरुष, बच्चेबूढ़े, जमींदारकिसान, साहूकारकर्जदार, आदि के जीवन और उन की समस्याओं को यथार्थवादी धरातल पर बड़ी ही सीधीसादी शैली और सरल भाषा में प्रस्तुत करते हुए एक दिशा देने का प्रयास किया है. यही कारण है कि प्रेमचंद की कहानियां हिंदीभाषी क्षेत्रों में ही नहीं, संपूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी जाती हैं. इतना ही नहीं, विदेशी भाषाओं में भी उन की चुनी हुई कहानियों के अनुवाद हो चुके हैं. इसी संदर्भ में प्रस्तुत है उन की चुनिंदा कहानियों का संग्रह to 'पछतावा'. उच्च शिक्षा प्राप्त पं. दुर्गानाथ सत्य और ईमानदारी को अपना आदर्श समझते थे. जमींदार साहब की नौकरी में उन्होंने अनेक प्रलोभनों के बावजूद कभी सत्य का पथ न छोड़ा और नौकरी छोड़ कर चले गए. उन की इसी सत्यनिष्ठा ने न केवल ग्रामवासियों का कायापलट किया बल्कि मरते समय जमींदार को भी अपने परिवार के पालक के रूप में उन्हीं की याद आई. मानव स्वभाव की ऐसी ही अनेक चरित्रगत विशेषताओं को उजागर करता पठनीय एवं संग्रहणीय कहानी संग्रहto'पछतावा'.
Author's Name Munshi Premchand
Binding Paper Back
Language Hindi
Pages 132
Product Code: 735
ISBN: 9788179872000
Availability: In Stock
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Pachhtawa

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  • Brand: Vishv Books
  • Product Code: 735
  • ISBN: 9788179872000
  • Availability: In Stock
  • INR132.00