विधवा विवाह संबंधी सामाजिक समस्या प्रधान उपन्यास है ‘प्रतिज्ञा’, जिस में प्रेमचंद ने पूर्णा के माध्यम से एक आम विधवा के जीवन की विषमताओं को उजागर करने का प्रयास किया है।
यद्यपि उपन्यास का केंद्र बिंदु भरी जवानी में हुई विधवा पूर्णा है, किंतु उस की फल प्राप्ति होती है अमृत राय को, जिस ने यूं ही एक साधारण से जलसे में सुधारवादी भाषण सुन कर किसी विधवा से विवाह करने की प्रतिज्ञा कर ली थी और बाद में विधवाओं को संरक्षण देने के लिए एक आश्रम की स्थापना भी कर दी।
इस सुधारवादी आदर्श के चक्कर में अमृत राय की प्रेमिका प्रेमा का क्या हुआ? क्या आदर्श पर प्रेम का बलिदान हो गया?
‘प्रतिज्ञा’ के साथ प्रेमचंद का उपन्यास ‘मंगलसूत्र’ अपूर्ण भी संकलित है।
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 156 |
Product Code: | 679 |
ISBN: | 9788179871447 |
Availability: | In Stock |
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Pratigya Evam Mangalsutra
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 679
- ISBN: 9788179871447
- Availability: In Stock
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