कथा सम्राट प्रेमचंद्र विश्व के उन विशिष्ट कथाकारों की श्रेणी में गिने जाते हैं, जिन्होंने समाज के सभी वर्गों to अमीरगरीब स्त्रीपुरुष, बच्चेबूढ़े, जमींदारकिसान, साहूकारकर्जदार आदि के जीवन और उन की समस्याओं को यथार्थवादी धरातल पर बड़ी ही सीधीसादी शैली और सरल भाषा में प्रस्तुत करते हुए एक दिशा देने का प्रयास किया है. यही कारण है की प्रेमचंद की कहानियां हिंदी भाषी क्षेत्रो में ही नहीं, सम्पूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी तथा सराही जाती हैं. प्रेमचंद की इस प्रासंगिता के संदर्भ में प्रस्तुत है उन की कुछ भूलीबिसरी, किन्तु विशिष्ट कहानियों का संग्रह 'पुत्र प्रेम', जिस में सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन के खट्टेमीठे अनुभव बिखरे पड़े हैं. ये कहानियां प्रेमचंदकालीन उर्दू की पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित हुई थी.
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 140 |
Product Code: | 654 |
ISBN: | 9788179871188 |
Availability: | In Stock |
All disputes are subject to Delhi Courts Jurisdiction only. |