प्रेमचंद की कहानियां हिंदीभाषी क्षेत्रें में ही नहीं, संपूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी और सराही जाती हैं। इतना ही नहीं, विदेशी भाषाओं में भी उन की चुनी हुई कहानियों के अनुवाद हो चुके हैं।
इसी संदर्भ में प्रस्तुत है समाज और शासनतंत्र में फैले भ्रष्टाचार को उजागर करती कहानियों का संग्रह – ‘सज्जनता का दंड’to सरकारी तंत्र में व्याप्त रिश्वत या नजराना ‘विषम समस्या’ के ईमानदार चपरासी गरीब को भी फर्ज के प्रति बेईमान बना देता है वहीं सरदार शिव सिंह जैसा ईमानदार इंजीनियर है जो इस कुचक्र में नहीं फंसता। उस की ईमानदारी के इनाम स्वरूप उस का तबादला दूरदराज के इलाके में हो जाता है और रुपयों के अभाव में उसे बेटी का विवाह टूट जाने जैसे दंश भी झेलने पड़ते हैं।
ऐसी ही अनेक समस्याओं को उजागर करता उत्कृष्ट कहानी संग्रह जिसे आप अवश्य पढ़ना चाहेंगे।
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 164 |
Product Code: | 726 |
ISBN: | 9788179871911 |
Availability: | In Stock |
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Sajjanta Ka Dand
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 726
- ISBN: 9788179871911
- Availability: In Stock
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