विश्वव्यापी आर्थिक संकट के दौर में रचित प्रेमचंद का आरंभिक उपन्यास ‘वरदान’ प्रेम, पवित्रता, त्याग, संयम, देश सेवा और बलिदान की गौरव गाथा है।
बनारस के तीन परिवारों को केंद्र में रख कर रचित इस उपन्यास में कर्तव्य की कठोर साधना में रत रहने वाले पुरुष की प्रेमिल भावनाओं के साथसाथ अभावग्रस्त नारी हृदय की वेदना की भी सहज अभिव्यक्ति हुई है।
विभिन्न पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं की झलक देने वाला यह उपन्यास हर वर्ग के पाठकों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय है।
प्रेमचंद ने इस उपन्यास को उर्दू में ‘जलवाtoइtoइसर’ शीर्षक से भी प्रकाशित कराया था।
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 132 |
Product Code: | 682 |
ISBN: | 9788179871478 |
Availability: | In Stock |
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