एक जागरूक रचनाकार का अपने पारिवारिक और सामाजिक परिवेश के साथसाथ समकालीन राजनीतिक गतिविधियों एवं परिस्थितियों से प्रभावित न होने का प्रश्न ही नहीं उठता। प्रेमचंद भी इस के अपवाद नहीं थे। इसीलिए प्रेमचंद ने पारिवारिक और सामाजिक कहानियों के साथसाथ उस समय चल रहे स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ी कई कहानियां लिखी थीं, जिन का एकत्र संग्रह है to ‘यह मेरी मातृभूमि है।’
इस कहानी संग्रह में, तत्कालीन स्वाधीनता आंदोलन के साहचर्य में चल रहे स्वदेशी आंदोलन, शराबबंदी आंदोलन आदि की भी झलक मिलती है।
प्रेमचंद की ये कहानियां स्वाधीनता आंदोलन के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 164 |
Product Code: | 710 |
ISBN: | 9788179871751 |
Availability: | In Stock |
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Yeh Meri Matrabhoomi Hai
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 710
- ISBN: 9788179871751
- Availability: In Stock
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