• Shesh Prashna
प्रेम, आदर्श या परिस्थितिवश लोग कभीकभी अंतरजातीय विवाह करते रहे हैं, अब यह बात अलग है कि ऐसे विवाहों की सफलता प्राय संदिग्ध रही है. फिर भी इन विवाहों का सिलसिला अटूट है. पति पत्नी में अलगाव होने पर पति तो जैसेतैसे रह लेता है या पुनर्विवाह कर लेता है, पर नारी की पीड़ा को क्या कोई समझ सकता है? क्या पति से अलग रहने वाली नारी को समाज सहज ही स्वीकार कर पता है? क्या नारी पुनर्विवाह कर के स्वाभाविक जीवन जी सकती है? ऐसे ही तमाम प्रश्नों की पृष्ठभूमि पर रचित है प्रतिष्ठित भारतीय कथाकार शरतचन्द्र का चर्चित विचार प्रधान उपन्यास 'शेष प्रशन', जिस की नायिका कमल ने परिस्थितिवश अंतरजातीय विवाह तो कर लिया, पर पति के साथ आजीवन रह नहीं सकी. समाज द्वारा उपेक्षित ,आधुनिक विचारों की पोषिका नारी की मर्मव्यथा क्या आप नहीं पढ़ना चाहेंगें?
Author's Name Sharatchandra Chattopadhyay
Binding Paper Back
Language Hindi
Pages 252
Product Code: 887
ISBN: 9788179873557
Availability: In Stock
All disputes are subject to Delhi Courts Jurisdiction only.

Write a review

Note: HTML is not translated!
    Bad           Good
Captcha

Shesh Prashna

Vishv Books Shesh Prashna QR Code
  • Brand: Vishv Books
  • Product Code: 887
  • ISBN: 9788179873557
  • Availability: In Stock
  • INR128.00