शुभदा' एक ऐसी नारी की मार्मिक कथा है जो गरीबी की यातनाएं भोगते हुए अपने नशेड़ी पति के प्रति समर्पित ही नहीं, बल्कि स्वभिमानिनी भी है. शुभदा और उस की विधवा बेटी के माध्यम से शरतचंद ने नारी वेदना की गहन अभिव्यक्ति की है. संभवतः इसी कारण उन्हें 'नारी वेदना का पुरोहित' कहा जाता है. नारी वेदना प्रधान इस उपन्यास में भी शरतचंद्र की रोमनी प्रवृति की छाप स्पष्ट दिखाई देती है. शरतचंद्र की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की उन की रचनाओं का भारतीय ही नहीं, विश्व की प्राय सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.
Author's Name | Sharatchandra Chattopadhyay |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 156 |
Product Code: | 603 |
ISBN: | 9788179870679 |
Availability: | In Stock |
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