भारतीय, विशेषतया हिंदू समाज में नारी कितनी निरीह, दयनीय और अपमानजनक जीवन जीती रही हैtoइस का प्रत्यक्ष प्रमाण है शरतचंद चट्टोपाध्याय का बहुचर्चित उपन्यास 'विराज बहू', जिस की नायिका विराज गरीबी की तमाम यातनाए भोगते हुए अपने रूढ़िवादी पति के प्रति समर्पिता होने के साथ साथ स्वाभिमानी भी है. नारी के इसी चारित्रिक गुण को उजागर करने वाले 'नारी वेदना के पुरोहित' शरतचंद के दो लघु उपन्यास to'अरक्षणीया और 'मंझली दीदी' भी इसी के साथ संकलित हैं.
Author's Name | Sharatchandra Chattopadhyay |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 172 |
Product Code: | 631 |
ISBN: | 9788179870952 |
Availability: | In Stock |
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Virajbahu
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 631
- ISBN: 9788179870952
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