भारतीय नारी के स्वाभिमान, पति परायणता एवं सहनशीलता जैसे गुणों का दिग्दर्शन है शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का बहुचर्चित उपन्यास 'परिणीता', जिस में ललिता के रूप में उन किशोरियों की वेदना को सहज अभिव्यक्ति मिली है, जो लड़कपन में ही किसी को अपना सर्वस्व मान बैठती है, फिर उस के लिए उन्हें चाहे जितनी पीड़ा क्यों न साहनी पड़े. 'परिणीता' के साथसाथ इस में शरत के दो अन्य लघु उपन्यासto'नवविधान' और 'बिंदो का लड़का' भी समाहित हैं. अपने उपन्यासों में नारी वेदना का मार्मिक चित्रण करने के कारण शरत चंद्र 'नारी वेदना के पुरोहित' कहे जाते हैं और इसी कारन उन की ख्याति किसी क्षेत्र विशेष तक नहीं, वरन अन्तर्राष्टीय स्तर पर व्याप्त है, जो उन की लोकप्रियता की सूचक है.
Author's Name | Sharatchandra Chattopadhyay |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 156 |
Product Code: | 613 |
ISBN: | 9788179870778 |
Availability: | In Stock |
All disputes are subject to Delhi Courts Jurisdiction only. |