कथा सम्राट प्रेमचंद ने विश्व के समाज के सभी वर्गों के जीवन और उन की समस्याओं को यथार्थवादी धरातल पर बड़ी ही सीधीसादी शैली और सरल भाषा में प्रस्तुत करते हुए एक दिशा देने का प्रयास किया है।
यही कारण है कि प्रेमचंद की कहानियां हिंदी भाषी क्षेत्रें में ही नहीं, संपूर्ण भारत में आज भी पढ़ी, समझी और सराही जाती हैं। इतना ही नहीं विदेशी भाषाओं में भी उन की चुनी हुई कहानियों के अनुवाद हो चुके हैं।
प्रेमचंद की प्रासंगिकता के संदर्भ में प्रस्तुत है उन की कुछ विशिष्ट कहानियों का संग्रह 'मिस पदमा'. मिस पदमा ने अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ बिना शादी किये ही रहना शुरू कर दिया था. किन्तु इस सहवास से जब पदमा गर्भवती हो गई तब पसंदीदा मित्र ने उस की उपेक्षा शुरू कर दी तब पदमा पर क्या बीती?
ऐसी ही अन्य सामजिक कहानियों का महत्त्वपूर्ण संग्रह।
Author's Name | Munshi Premchand |
Binding | Paper Back |
Language | Hindi |
Pages | 164 |
Product Code: | 690 |
ISBN: | 9788179871553 |
Availability: | In Stock |
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Miss Padma
- Brand: Vishv Books
- Product Code: 690
- ISBN: 9788179871553
- Availability: In Stock
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